दिल की बात दिल से दिल को बतानी है दो पल की ये तेरी मेरी ज़िन्दगानी है पहले पल में हम तुम इक-दूजे की जान थे वंही दूजे पल हम तुमसे अंजान थे तू सागर के गर्भ की एक छोटी लहर और में दूर क...
कंचो की होड़ में , दोस्तों के साथ भागदौड़ में बचपन रहता था बस चीज़ों की तोड़ फोड़ में कुछ खेल हुवा करते थे...बर्फी,सीढ़ी और डमरू भूतों की सुन लेते अगर कहानी तो कांप जाती थी रूह बड़े उठात...