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Showing posts from May, 2017

Moment Of Life - 3

सुबह की वो गुलाबी लाली...और बचपन की वो चंचल छाया पूरे जंहा में ना मिला वो नूर,जो तेरे चेहरे में मैने पाया में ढूंढता रहा तुझे,जैसे हिरण ढूंढे कस्तूरी को पर तु था कि कमबख्त मेरे दिल मे था समाया   कभी जुगनुओं की रोशनी में तेरे अक्श को ढूंढने के अरमान थे तो कभी पूर्णिमा की चांदनी में,मेने तेरे नाम लिखे पैगाम थे मेरी चोखट पर हर रोज वो परिंदा आके तेरी यादे ले जाता था इस बात का सबूत उसके गालो पर आंसुओ से पड़े निशां थे   हर रोज गुजरता था वो आशिक़ तेरी गलियों से,पाने को तेरा दीदार पर धोखा दे देती थी तेरे घर की ऊंची ऊंची सीढियां ओर वो ऊंची ऊंची दीवार कभी कभी दिख जाती थी मुझको इतराती मेरी गुड़िया.... वो प्यारी सी मुस्काहट और उड़ती जुल्फ़े जिन्हें देख हर किसी को हो जाता प्यार   खोलूं जो किताब मेरी ज़िंदगी की तो हर एक पन्ने में तेरा ज़िक्र पाऊंगा गर...कुछ चाहत हो पाने की तो मांग लेना,में तारा बन कर टूट जाऊंगा ये जिंदगी मुमकिन नही, मालूम है मुझे, मिलने को.... अगली ज़िन्दगी में देखना खुद अपने हाथों से तुझे अपना लिखा लाऊंगा में खुद अपने हाथों से तुझे अपना लिखा लाऊं

Papa Suno, Naaraj hu me aapse....

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Papa suno me naaraj hu aapse Kyo chhod gye hme,milne apne khas se Mumma khti thi aaoge aap kl ya parso Pr ye to sunta aa rha tha me kai sal se Papa suno, me naaraj hu aapse me naaraj hu aapse Sonu k papa usko hr roj lgate the seene se Har roj usko khush krte the nye nye khilone se Meri bhi aankhe bhar aati thi jb unke khilone leta tha Kyonki wo khte the tu kyu ni mngwata apne baap se Papa suno, me naaraj hu aapse me naaraj hu aapse Ab Har trf andhera njr aata h, Aapka chhota sa bchha ab bda njr aata h Aao na kbhi milne,ldkr apne us khash se Or bahar nikalo na mujhe is bure khwab se Papa suno, me  naaraj hu aapse me naaraj hu aapse Akele beth jb sochta hu me aapke bare me Aankhe bhar aati h,ghnto lg jate h fir bhulane me Me bhut bura hu bigd gya hu,sunta aa rha hu is jnha se Kash Aap hote,pyar krte or glti hone pr aap dant te Papa suno, me  naaraj hu aapse me  naaraj hu aapse Nhi malum h aapko,mumma v akele me roti h Ham dekh na le unke aansu isliye hmare bad

शेर कहा जो मेने कयामत आ गई...

शेर कहा जो मेने क़यामत आ गई बाड़े में खड़ी मिंया की बकरी भाग गई मिंया भी भागा भागा आया और बोला क्यों तूने मेरी बकरी को शेर सुनाया तेरा शेर सुनकर मेरी बकरी भागी है में समझ गया अब इसके मन में बकरी के दुगने पैसे लेने की ललक जागी है में बोला जा मिंया में तो शायर हूँ शेर कहना मेरा पेशा है तू ये बता जिसको देख के बकरी भागी है वो शेर केसा है मिंया भी थोड़ा तिलमाया डबल पैसो का लालच मन में आया पहुंच गया पल भर थाने में और रपट लिखवा आया बात अब सरकारी महकमो में चलने लगी सिर्फ शेर कहने से कैसे बकरी भागने लगी मे शायर बदनाम हो गया बदनाम ही सही पर नाम हो गया फिर कुछ कुत्ते भी मेरे पास आने लगे और खुद की तारीफों के शेर बनाने लगे हम इस देश के रक्षक है ये उन कुत्तो का दावा था पर वो कुत्ते भक्षक थे ये सब उनका दिखावा था फिर भी मेने उनको शेर कह डाला अब जाके समझा नेताओ से पड़ा ह मेरा पाला वो सब तो ले लेकर अपने शेर चल दिये पर मिंया से कैसे था पीछा छूटने वाला रपट के अगले दिन जज ने मुकदमे की तारीख दे डाली काम मेरा सिर्फ शेर कहना था पर लोग दे रहे थे गाली पर अब करता भी क्या यारो शेर मेरा सच्च

पागल लड़की....(Story Of A frnd : Mr Ravi)

एक चंचल प्यारे मुखड़े वाली पागल लड़की ने सीने में आग लगाई है एक नजर उठा के देखा है और थोड़ा सा शरमाई है आंखों के काजल ने रात, तो बालो ने घटा बुलाई है एक चंचल प्यारे मुखड़े वाली पागल लड़की ने सीने में आग लगाई है कुछ पन्नो की कहानी मेने अपने लफ्जो में बताई है गुलाबी होंठ तीखे नयन-नख्श को देख दिल ने ठोकर खाई है उस दिन राह चलते चलते स्पर्श हुवा जो हाथ तेरा तब से मेरे दिल को एक पल भी नींद नही आई है एक चंचल प्यारे मुखड़े वाली पागल लड़की ने सीने में आग लगाई है वो चलते चलते रुकना वो पीछे मुड़ कर तकना वो आंखों के इशारे वो तेरा प्यार से कहना प्यारे वो बाइक पे पीछे बैठना वो icecream को मेरी ऐंठना वो चॉकलेट के लिए लड़ना वो तेरा पीछे से मुझे पकड़ना इन बातों ने तेरी मुझको ऐसी लत लगाई है एक चंचल प्यारे मुखड़े वाली पागल लड़की ने सीने में आग लगाई है हर बात पर तु रो देती थी कहती थी तू हरजाई है ना छोडूंगा साथ तेरा लो कसम ये मेने खाई है पापा को बहुत पसंद पर मम्मी को थोड़ी थोड़ी आई है खुश हो जा तू भी पगली अब होने वाली सगाई है एक चंचल प्यारे मुखड़े वाली पागल लड़की ने सीने में आग लगाई है एक चंचल प्यारे म

Ye mere desh ki halat hai sahab Na jaane kisne njr lagai hai

aaj fir se ek baap ne bete ki chita ko aag lgai hai Kaleja kamp utha h uski maa ka or aankh bhar aai h Roti bilkhti uski biwi ki Chudiya todne mohhle ki aurte aai h Suna hai 2 saptah phle hi to gya tha wo Or aaj us shaheed ki lash ghar aai hai Y e mere desh ki halat hai sahab Na jaane kisne  njr lagai hai Na jaane kisne njr lagai hai netaji k ghar dekho kl hi khushiya aai h Purane 2bhk ko chhod unhone haweli bnai h Lekin usi haweli ko bnane wale ek mjdur ko Abhi tk nind knha aai h Hmesha call krne wale uske fauji bete ne Abhi tk call jo nhi lgai hai Ki achanak kisi ne dastk di uski jhopdi pr Bahar dekha to tirnge me lipti us hweli k nirmata k bete ki lash ghar aai h Ye mere desh ki halat hai sahab Na jaane kisne  njr lagai hai Na jaane kisne njr lagai hai Kuch suwar k bcho ne  Na jane kesi gndh failai Chhalni kr apni hi maa ka seena Unhone sohrat pai hai Lakho ka khate h,shahi pariwaro se aate h Aese netao ne bagi suwro ko bchane ki guhar lgai hai Krte hu