पागल लड़की....(Story Of A frnd : Mr Ravi)
एक चंचल प्यारे मुखड़े वाली पागल लड़की ने सीने में आग लगाई है
एक नजर उठा के देखा है और थोड़ा सा शरमाई है
आंखों के काजल ने रात, तो बालो ने घटा बुलाई है
एक चंचल प्यारे मुखड़े वाली पागल लड़की ने सीने में आग लगाई है
कुछ पन्नो की कहानी मेने अपने लफ्जो में बताई है
गुलाबी होंठ तीखे नयन-नख्श को देख दिल ने ठोकर खाई है
उस दिन राह चलते चलते स्पर्श हुवा जो हाथ तेरा
तब से मेरे दिल को एक पल भी नींद नही आई है
एक चंचल प्यारे मुखड़े वाली पागल लड़की ने सीने में आग लगाई है
वो चलते चलते रुकना वो पीछे मुड़ कर तकना
वो आंखों के इशारे वो तेरा प्यार से कहना प्यारे
वो बाइक पे पीछे बैठना वो icecream को मेरी ऐंठना
वो चॉकलेट के लिए लड़ना वो तेरा पीछे से मुझे पकड़ना
इन बातों ने तेरी मुझको ऐसी लत लगाई है
एक चंचल प्यारे मुखड़े वाली पागल लड़की ने सीने में आग लगाई है
हर बात पर तु रो देती थी कहती थी तू हरजाई है
ना छोडूंगा साथ तेरा लो कसम ये मेने खाई है
पापा को बहुत पसंद पर मम्मी को थोड़ी थोड़ी आई है
खुश हो जा तू भी पगली अब होने वाली सगाई है
एक चंचल प्यारे मुखड़े वाली पागल लड़की ने सीने में आग लगाई है
एक चंचल प्यारे मुखड़े वाली पागल लड़की ने सीने में आग लगाई है
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