आ बैठ !
आ बैठ !
क़िस्से पुराने सुनाते हैं !
चल फिर से !
काग़ज़ की क़स्ती और मिट्टी के मकां बनाते है !!
आ बैठ !
अपना बचपन गुनगुनाते हैं !
चल फिर से !
वो स्कूल की घंटी सुनकर भाग जाते हैं !!
आ बैठ !
इस भागदोड़ भरी ज़िंदगी को भुलाते हैं !
चल फिर से !
वो अम्मा की गोद में सर रखकर सो जाते हैं !!
आ बैठ !
कुछ संगीत पुराना गाते हैं !
चल फिर से !
दादाजी का वो रेडीयो पुराना बजाते हैं !!
आ बैठ !
क़िस्से पुराने सुनाते हैं !
क़िस्से पुराने सुनाते हैं !
चल फिर से !
काग़ज़ की क़स्ती और मिट्टी के मकां बनाते है !!
आ बैठ !
अपना बचपन गुनगुनाते हैं !
चल फिर से !
वो स्कूल की घंटी सुनकर भाग जाते हैं !!
आ बैठ !
इस भागदोड़ भरी ज़िंदगी को भुलाते हैं !
चल फिर से !
वो अम्मा की गोद में सर रखकर सो जाते हैं !!
आ बैठ !
कुछ संगीत पुराना गाते हैं !
चल फिर से !
दादाजी का वो रेडीयो पुराना बजाते हैं !!
आ बैठ !
क़िस्से पुराने सुनाते हैं !
आ बैठ !
क़िस्से पुराने सुनाते हैं !
क़िस्से पुराने सुनाते हैं !
ati sundar bhai
ReplyDeleteDhanywad Hukum 🤗
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