दशहरा : इंसानी राम और इंसानी रावण
हर इंसा राम बना है , हर इंसा ने रावण बनाया है ! एक काया वाले राम ने, कायाहीन रावण जलाया है !! देख देख के कहते " देखो, वो रावण धुँ धुँ जल रहा " ! अरे ओ इसां नादाँ...वो रावण भी तो तुमने बनाया है !! पर उस रावण का क्या जो तुमने अपने अंदर पाला है ! पर उस रावण का क्या जो तुमने अबतक न पहचाना है ! पर उस रावण का क्या जो हर सीता (नारी) हरने वाला है ! पर उस रावण का क्या जो हर राम(इंसान) में बसने वाला है ! देख देख के कहते " देखो, वो रावण धुँ धुँ जल रहा " ! अरे ओ इसां नादाँ...वो रावण भी तो तुमने बनाया है !! हर इंसा राम बना है , हर इंसा ने रावण बनाया है ! एक काया वाले राम ने, कायाहीन रावण जलाया है !!