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दशहरा : इंसानी राम और इंसानी रावण

हर इंसा राम बना है , हर इंसा ने रावण बनाया है ! एक काया वाले राम ने, कायाहीन रावण जलाया है !! देख देख के कहते " देखो, वो रावण धुँ  धुँ  जल रहा " ! अरे ओ इसां नादाँ...वो रावण भी तो तुमने बनाया है !! पर उस रावण का क्या जो तुमने अपने अंदर पाला है ! पर उस रावण का क्या जो तुमने अबतक न पहचाना है ! पर उस रावण का क्या जो हर सीता (नारी)  हरने वाला है ! पर उस रावण का क्या जो हर राम(इंसान) में बसने वाला है ! देख देख के कहते " देखो, वो रावण धुँ  धुँ  जल रहा " ! अरे ओ इसां नादाँ...वो रावण भी तो तुमने बनाया है !! हर इंसा राम बना है , हर इंसा ने रावण बनाया है ! एक काया वाले राम ने, कायाहीन रावण जलाया है !!

Neend : नींद

ना चाहो तो भी आ जाती थी रूठा हुवा हो या टूटा हुवा सब कुछ वो पल में भुला जाती थी । पर आज, आज वो कोने में छुप कर मुझसे नाराज़ बेठी है । कोई बताएगा ! ये रूठी हुई नींद को केसे मनाते है ? जब होते थे यार दोस्त मेरे पास मेरे । ना जाने क्यूँ शर्मा के भाग जाया करती थी । और जब होता मैं अकेला , चुपके से आकर गले, मेरे लग जाया करती थी । पर आज आज अकेला हूँ  फिर भी वो मुझसे नाराज़ बैठी है । कोई बताएगा ! ये रूठी हुई नींद को केसे मनाते है ? वो जिससे भी मिलती थी वो उसका ही हो जाता था बग़ैर उसके कोई ना रह पाता था तुम्हें भी तो वो बहुत पसन्द थी ना तुम भी तो जब मन किया तब उसके आग़ोश में चले जाते थे फिर आज आज कँहा है वो ? क्या तुमसे भी वो नाराज़ है ? क्या तुम भी यूँही बेवजह रातों को जागते हुए उसके आने का इंतज़ार करते हो ? नींद हाँ नींद ! जो तुम्हें ख़्वाब दिखाती है । जो तुम्हें जीना सिखाती है । आज आज वो मुझसे , तुमसे , हम सबसे नाराज़ बैठी है । कोई बताएगा ! ये रूठी हुई नींद को केसे मनाते है ?

सच सच बताओ !

एक उम्र गुज़ार के आए हो ! सच बताओ ! क्या ख़्वाहिशों को मार कर आए हो ? चेहरे की झुर्रियों पर, निशाँ बाक़ी है आँसुवों के ! सच सच बताओ ! क्या सब कुछ, हार आए हो ? पूरा मयखाना एक बंजर गाँव कर आए हो ! सच बताओ ! क्या हाल-ए-दिल बँया कर आए हो ? राह में चल रहे हो काफ़ी लड़खड़ा कर ! सच सच बताओ ! क्या दर्द और दारू, दोनो बेशुमार पी आए हो ? अच्छे खासे बदनाम हो आए हो ! सच बताओ ! ऐसा क्या काम कर आए हो ? तुम्हारे होंटो की मुस्कुराहट कंही गुम सी है ! सच सच बताओ ! क्या इश्क़ के हाथों, ख़ुद को नीलाम कर आए हो ? इन रस्मों रिवाजों को काफ़ी पीछे छोड़ आए हो ! सच बताओ ! क्या अपने सारे रिश्ते तोड़ आए हो ? ना हाथ में राखी है ना ही माँ का दिया टिफ़िन ! सच सच बताओ ! क्या चंद पैसे कमाने के लिए अपना घर-बार छोड़ आए हो ?

आ बैठ !

आ बैठ ! क़िस्से पुराने सुनाते हैं ! चल फिर से ! काग़ज़ की क़स्ती और मिट्टी के मकां बनाते है !! आ बैठ ! अपना बचपन गुनगुनाते हैं ! चल फिर से ! वो स्कूल की घंटी सुनकर भाग जाते हैं !! आ बैठ ! इस भागदोड़ भरी ज़िंदगी को भुलाते हैं ! चल फिर से ! वो अम्मा की गोद में सर रखकर सो जाते हैं !! आ बैठ ! कुछ संगीत पुराना गाते हैं ! चल फिर से ! दादाजी का वो रेडीयो पुराना बजाते हैं !! आ बैठ ! क़िस्से पुराने सुनाते हैं ! आ बैठ ! क़िस्से पुराने सुनाते हैं !

Moments Of Life : 9

Khuda ne tujhpr apna znha bna diya Ki Jb jb jhuki teri plken to raat Or Jb jb uthi teri plken to din bna diya || Ki khtm smjh betha khuda khoobsurati ke mayne ko Jb aakhiri me usne tumhe bna diya || Har baar paimane me pina raas naa aaya rab ko, To usne teri aankho me sharab ka samndr bna diya || Ho gai thi gustakhi bhej kar tumhe khud se dur Shayad isiliye Teri yaad me khuda ne aasman me chand bna diya || Ki ho na taklif tumhe is khuda ke bnaye znha me Ye soch kr shayad khuda ne mujhe bna diya || Ki har dard tera me sh lun, Ki har gam tera me pi lun, Ki aankh se ek ktra aansu ka girne na dun, Ki bnaa kr khushiyo ki maala tere honto pr rkh dun, Shayad, Isiliye khuda ne Tere liye Han Sirf tere liye Mujhko bna diya Han mujhko bna diya ||

Moments Of Life : 8

वो हर बार टूटकर पास मेरे आता है । 🙁 बहा के अपने दर्द का समंदर मुझे फिर से अपना बनाता है ।😊 ओर फिर से, कुछ दिनो बाद,😒 हर बार की तरह कोई मुझसे अच्छा उसे कोई ओर मिल जाता है ।।😞 वो फिर से मुझे भूल जाता है ।😣 नही ऐसा नही है के की वो मुझसे दूर हो जाता है ।🤗 बस रहता पास मेरे है पर ना जाने खो कंही ओर जाता है ।।🙁 वो जो बात ना होती थी कभी तो मिलने मुझसे मेरे घर आ जाता था ।☺ पर आज कल ना जाने क्यू हर दिन बिना बात किए सो जाता है ।।😞 कहता था की तुमसे अच्छा कोई नही 🤗 फिर क्यों ! देख के वो पराए जिस्म को ये सब बातें भूल जाता है ।।😞 ऐसा नही है की मेने बताया नही उसे की किस क़दर पसंद है वो मुझे ।😔 पर वो कहता है ! कि मुझमे वो बात नही ओर ये कहकर वो हर बार मुझे तोड़ जाता है ।।😓 वो हर बार टूटकर पास मेरे आता है । 🙁 बहा के अपने दर्द का समंदर मुझे फिर से अपना बनाता है ।😊 ओर फिर से, कुछ दिनो बाद,😒 हर बार की तरह कोई मुझसे अच्छा उसे कोई ओर मिल जाता है ।।😞 ओर वो फिर से मुझे भूल जाता है ।।

Bas Yunhi, Ab Sb Km Ho Gya Hai

Uska ab krna baate mujhse Km ho gya hai Rhna uska khyalo me mere Km ho gya hai Aesa nhi hai ki tkrar hai koi bs yunhi ! Darminyan hamare,faaslo ka ghar ho gya hai ! Rhna har din banho me hmare Bnd ho gya hai Milna hmara har raat unse Km ho gya hai Aesa nhi hai ki narazagi hai koi Bs yunhi ! Mnzilo ka sfr hmara, Unse thoda alg ho gya hai ! Akele hm bhi hai or wo bhi Jarurat unhe bhi hai or hme bhi Pr jatana hk hmara unpr Ab km ho gya hai Ho jaaya krti hai baate mahino me kbhi kbhi Pr ab wo mera unko baato pr hnsana km ho gya hai Aesa nhi hai ki koi gila shikwa hai unka mujhse koi Bs yunhi ! Maturity ke saaye me naadaniyo ka aana Km ho hya hai ! Han km ho gya ! Bahot kuch ! Wo har roj dekhna tujhe ! Wo har roj chahna tujhe ! Wo har roj btana tujhe ! Wo har roj stana tujhe ! Wo har roj ish-e-izhar jatana tujhe ! Wo har roj sahlana tujhe ! Hmmmm......km ho gya hai Nhi aesa nhi hai ki kuch nhi hai darmiyan hmare ! Bs yunhi ! Han bs yunhi !! Sb ab km ho gya hai !!!